नवरात्र शुरू हो रहे हैं और विशेषज्ञों की सलाह है कि इस दौरान उपवास करने वालों को रात्रि में अचानक भारी भोजन करने से बचना चाहिए। चिकित्सकों का मानना है कि ऐसा करना उनके ‘मेटाबॉलिज्म’ और पाचन तंत्र पर नकारात्मक असर डाल सकता है।

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आमतौर पर, नवरात्र में उपवास करने वाले श्रद्धालु दिन में फल और रात्रि में आलू-साबूदाना की खिचड़ी, सिंघाड़े के आटे का हलवा, लौकी, कद्दू, दूध, दही या पनीर इत्यादि चीजों का सेवन करते हैं।
हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, नौ दिन तक खाने का यह पैटर्न नुकसानदायक साबित हो सकता है। दिनभर भोजन न करने से शरीर की ऊर्जा की जरूरत पूरी नहीं हो पाती है और शाम या रात्रि में भारी भोजन लेने से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है। इससे अपच, एसिडिटी और पेट में भारीपन की शिकायत हो सकती है।
दिल्ली स्थित अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के ‘डायटिक्स एंड न्यूट्रिशन विभाग’ की वरिष्ठ कंसलटेंट दिव्या मलिक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “नौ दिन के उपवास में दिनभर कुछ न खाना और रात्रि में एक बार भारी भोजन लेने से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है। मेटाबॉलिज़्म भी धीमा पड़ सकता है क्योंकि भूखे रहने के बाद एक बार में ज्यादा खाना खाने से शरीर कैलोरी को सही तरीके से जलाने में मुश्किल महसूस करता है।”
उन्होंने कहा, “बेहतर यह है कि भोजन थोड़ा हल्का और संतुलित किया जाए तथा पानी पर्याप्त पीया जाए ताकि पाचन सही रहे और शरीर को नुकसान न हो।”
इसके अलावा, व्रत के दौरान सही मात्रा में प्रोटीन न लेने पर शरीर में फैट बढ़ सकता है और लंबे समय में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उभर सकती हैं।
कामकाजी महिलाओं के लिए व्रत के दौरान शारीरिक ऊर्जा बनाए रखना और अधिक चुनौतीपूर्ण होता है।
दिल्ली की पटपड़गंज निवासी, ई-रिक्शा चलाने वाली फूलवती ने कहा, “नौ दिन नौ रात व्रत के साथ सौ-सौ बार माता रानी का नाम जपती हूं .....नौ दिन माता इतनी शक्ति देती हैं कि मैं पानी भी ना पीऊं तो भी मस्त रिक्शा चलाऊंगी। खैर, शाम को वापस घर जाकर पूजा करती हूं और माता को जो भोग चढ़ाती हूं वही खाती हूं।”
पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार फेज-1 की रहने वाली शिक्षिका सुनीता भारद्वाज ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “मैं हर साल नवरात्र का उपवास करती हूं। सुबह-सुबह स्कूल जाना होता है और घर के कामकाज की भी जिम्मेदारियां होती हैं, इसलिए सुबह के समय व्रत वाला खाना बनाना मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि मैं दिन में केला या सेब खा लेती हूं और रात में माता रानी की आरती के बाद आलू-साबूदाने की खिचड़ी खा लेती हूं।”
निजी बैंक में काम करने वाली अंजलि तिवारी ने कहा, “दिनभर की व्यस्त जीवनशैली के कारण व्रत में अपने आहार का ध्यान रखना मुश्किल है। व्रत के दौरान कमजोरी हो जाती है लेकिन मैं पूरे नौ दिन माता रानी के लिए उपवास करती हूं।’’
उपवास के दौरान संतुलित आहार नहीं लेने से शरीर में प्रोटीन, आयरन और कैल्शियम जैसे जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे कमजोरी, चक्कर आना और हड्डियों में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
व्रत के दौरान धार्मिक मान्यताओं और अच्छी सेहत का संतुलन कैसे बनाया जाए, इस सवाल पर नोएडा जिला अस्पताल की डायटिशियन खुशबू सिंह ने कहा, ‘‘दिन की शुरुआत गर्म पानी और कड़ी पत्ते से करें। इसके बाद नाश्ते में हल्के फल और मेवे खा सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि व्रत रखने वाले लोग इसी तरह दोपहर, शाम और रात का अपना भोजन संयमित और हल्का रखें।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, उपवास में लोग तीन-चार आम गलतियां करते है। पहला, भूखे रहकर अचानक भारी या तला-भुना खाना खाना, जिससे पाचन में समस्या हो सकती है। दूसरा, प्यास लगने पर पानी कम पीना, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। तीसरा, पर्याप्त और संतुलित पोषण न लेना, जिससे कमजोरी और थकान हो सकती है। चौथा, नींद पूरी न करना, जिससे ‘मेटाबॉलिज्म’ और रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है।
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