दिल्ली निर्वाचन आयोग ने शुरू की राष्ट्रीय राजधानी में एसआईआर लागू करने की तैयारी

Last Updated 17 Sep 2025 08:36:14 PM IST

राष्ट्रीय राजधानी में निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं और अब 2002 की मतदाता सूची में जिनके नाम दर्ज नहीं है उन्हें अपने पहचान पत्र प्रस्तुत करने होंगे।


हालांकि एसआईआर शुरू होने की तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी।

यहां एक आधिकारिक बयान के अनुसार, निर्वाचन आयोग (ईसी) ने मतदाता सूचियों की शुचिता की रक्षा के लिए अपने संवैधानिक जनादेश के निर्वहन के मकसद से देश भर में एसआईआर शुरू करने का निर्णय लिया है।

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने भी इस प्रक्रिया की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

बयान में कहा गया कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) नियुक्त किए गए हैं।

इसमें कहा गया है कि सभी संबंधित अधिकारियों - जिला निर्वाचन अधिकारियों, निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों, सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों और बीएलओ - को प्रशिक्षण दिया गया है।

सीईओ कार्यालय ने लोगों से अपने और अपने माता-पिता के नामों की पुष्टि के लिए 2002 की मतदाता सूची देखने का अनुरोध किया है।

बयान में कहा गया है, ‘‘एसआईआर के दौरान बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर जनता से आवश्यक दस्तावेजों के साथ गणना प्रपत्र एकत्र करने के दौरान यह सहायक होगा। जिन लोगों के नाम 2002 और 2025 की मतदाता सूचियों में हैं उन्हें केवल गणना प्रपत्र के साथ 2002 की मतदाता सूची जमा करानी होगी।’’

बयान में कहा गया है कि अगर किसी मतदाता का नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं है लेकिन उसके माता-पिता का नाम इस सूची में दर्ज है तो उसे गणना प्रपत्र के साथ पहचान प्रमाण तथा अपने माता-पिता के संबंध में 2002 की मतदाता सूची प्रस्तुत करनी होगी।

दिल्ली के सीईओ कार्यालय ने 2002 में हुए एसआईआर की मतदाता सूची अपलोड कर दी है और इसके अलावा वर्तमान विधानसभा क्षेत्रों का 2002 में मौजूदा निर्वाचन क्षेत्रों के साथ मिलान किया गया है, जो वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।

बिहार में 2003 के बाद पहली बार मतदाता सूची की एसआईआर हुई जिसने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य लोगों को उनके मताधिकार से वंचित करना है और निर्वाचन आयोग का कहना है कि एसआईआर का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में शामिल हों और कोई भी अपात्र मतदाता इसमें शामिल न हो।

एसआईआर के निष्कर्षों के अनुसार, बिहार में पंजीकृत मतदाताओं की कुल संख्या इस प्रक्रिया से पहले 7.9 करोड़ थी जो अब घटकर 7.24 करोड़ रह गई।

दिल्ली के सीईओ कार्यालय द्वारा इस वर्ष जारी विशेष सारांश संशोधन-2025 के परिणामों से पता चला है कि राष्ट्रीय राजधानी में 1,55,24,858 पंजीकृत मतदाता हैं जिनमें 83,49,645 पुरुष, 71,73,952 महिला और 1,261 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं।

भाषा
नई दिल्ली


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