ओजोन परत सदी के मध्य तक 80 के दशक के स्तर पर आ जाएगी वापस
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने अपनी एक नयी रिपोर्ट में कहा है कि पृथ्वी की सुरक्षा करने वाली ओजोन परत इस सदी के मध्य तक 1980 के दशक के स्तर पर लौटने की राह पर है।
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‘डब्ल्यूएमओ ओजोन बुलेटिन’ 2024 (WMO Ozone Bulletin 2024) में कहा गया है कि इस वर्ष ओजोन क्षरण में कमी आंशिक रूप से प्राकृतिक वायुमंडलीय कारकों के कारण है लेकिन इस बात पर जोर दिया गया है कि दीर्घकालिक सुधार वैश्विक कार्रवाई की सफलता को दर्शाता है।
यह बुलेटिन विश्व ओजोन दिवस पर जारी किया गया, जो ‘विएना कन्वेंशन’ की 40वीं वर्षगांठ का भी प्रतीक है और जिसने ओजोन संरक्षण पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग की नींव रखी थी।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा, ‘‘40 वर्ष पहले ओजोन परत की रक्षा के लिए पहला कदम उठाने के वास्ते दुनिया के तमाम देश एकजुट थे..।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विएना कन्वेंशन और उसका मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल बहुपक्षीय सफलता का मील का पत्थर बन गया। आज ओज़ोन परत ठीक हो रही है। यह उपलब्धि हमें याद दिलाती है कि जब राष्ट्र विज्ञान की चेतावनियों पर ध्यान देते हैं तो प्रगति संभव है।’’
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ने पहले ही 99 प्रतिशत से अधिक नियंत्रित ओजोन-क्षयकारी पदार्थों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दिया है जिनका उपयोग कभी प्रशीतन, एयर कंडीशनिंग, अग्निशमन फोम और हेयरस्प्रे में व्यापक रूप से किया जाता था।
डब्ल्यूएमओ के बुलेटिन में कहा गया कि परिणामस्वरूप, ओजोन परत सदी के मध्य तक 1980 के स्तर तक पहुंच जाएगी जिससे त्वचा कैंसर, मोतियाबिंद और पारिस्थितिकी तंत्र को होने वाले नुकसान का खतरा कम हो जाएगा।
ओजोन और सौर यूवी विकिरण पर डब्ल्यूएमओ के वैज्ञानिक सलाहकार समूह के अध्यक्ष मैट टली ने कहा, ‘‘बीते दशकों में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की बड़ी सफलता के बावजूद यह कार्य अभी समाप्त नहीं हुआ है और दुनिया के लिए समताप मंडलीय ओजोन तथा ओजोन परत को क्षति पहुंचाने वाले पदार्थों और उनके विकल्पों की सावधानीपूर्वक और व्यवस्थित निगरानी जारी रखना अभी भी अत्यंत आवश्यक है।’’
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