CP Radhakrishnan Oath: देश के 15वें उपराष्ट्रपति बने सीपी राधाकृष्णन, राष्ट्रपति मुर्मू ने दिलाई शपथ

Last Updated 12 Sep 2025 10:23:13 AM IST

देश के नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन ने 15वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई।


सीपी राधाकृष्णन ने ली उप-राष्ट्रपति पद की शपथ

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति भवन में एक संक्षिप्त समारोह में 67 वर्षीय राधाकृष्णन को शपथ दिलाई।

लाल कुर्ता पहने राधाकृष्णन ने ईश्वर के नाम पर अंग्रेजी में शपथ ली।

राधाकृष्णन ने मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी।

जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के कारण यह चुनाव आवश्यक हो गया था।धनखड़ भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद वह पहली बार सार्वजनिक रूप से नजर आए।

वह अगली पंक्ति में अपने पूर्ववर्ती वेंकैया नायडू के बगल में बैठे थे और उनसे बातचीत करते देखे गए। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी नायडू के बगल में बैठे थे। धनखड़ की पत्नी सुदेश धनखड़ भी इस अवसर पर मौजूद थीं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जे पी नड्डा पहली पंक्ति में बैठे थे।

शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी उपस्थित थे।

धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था। संविधान के अनुसार, मृत्यु या इस्तीफे के कारण उत्पन्न रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित नए उपराष्ट्रपति को पूरे पांच साल का कार्यकाल मिलेगा।

राधाकृष्णन 11 सितंबर 2030 तक इस पद पर बने रहेंगे। वह इस प्रतिष्ठित पद पर आसीन होने वाले तमिलनाडु के तीसरे नेता हैं।

शुभचिंतकों द्वारा 'पचाई तमिझन' (सच्चे तमिल) कहे जाने वाले राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में सेवा दे रहे थे, जब उन्हें भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था।

राधाकृष्णन ने मंगलवार को दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर अपने चुनाव को राष्ट्रवादी विचारधारा की जीत बताया और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया। उन्होंने 452 वोट हासिल करके उपराष्ट्रपति चुनाव जीता, जबकि विपक्षी उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले।

भाषा
नई दिल्ली


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