GST Reforms: वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा- GST सुधारों से अर्थव्यवस्था को 2 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे, लोगों के पास होगा ज्यादा पैसा

Last Updated 17 Sep 2025 12:23:06 PM IST

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि अगली पीढ़ी के माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों ने अर्थव्यवस्था में दो लाख करोड़ रुपये डाले हैं, जिससे लोगों के पास अधिक नकदी उपलब्ध हुई है। अन्यथा यह राशि कर चुकाने में चली जाती।


अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों पर एक परिचर्चा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि कर सुधारों के बाद 12 प्रतिशत जीएसटी स्लैब के तहत आने वाली 99 प्रतिशत वस्तुओं पर पांच प्रतिशत कर लगाया गया है। इस बदलाव के परिणामस्वरूप 28 प्रतिशत कर स्लैब के तहत 90 प्रतिशत वस्तुएं 18 प्रतिशत स्लैब में आ गई हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ रोजमर्रा के उपभोग का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली दिग्गज कंपनियों समेत कई कंपनियां 22 सितंबर से पहले ही दरों में कटौती करने और उपभोक्ताओं को इसका लाभ देने के लिए स्वेच्छा से आगे आ रही हैं। 22 सितंबर नई जीएसटी व्यवस्था लागू होने वाली है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस नई पीढ़ी की कर व्यवस्था, जिसमें केवल दो स्लैब (पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत) हैं, से अर्थव्यवस्था में दो लाख करोड़ रुपये आए हैं। लोगों के पास ज्यादा नकदी होगी।’’उन्होंने कहा कि दरों में बदलाव करने से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने पांच पहलुओं पर ध्यान रखा - गरीब और मध्यम वर्ग के लिए दरों में कमी, मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करना, किसान समुदाय को लाभ पहुंचाना, एमएसएमई को बढ़ावा देना और ऐसे क्षेत्र जो देश में रोजगार सृजन और निर्यात क्षमता में उपयोगी हों।

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी राजस्व 2025 में बढ़कर 22.08 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो इसके लागू होने के समय वित्त वर्ष 217-18 में 7.19 लाख करोड़ रुपये था।

उनके अनुसार, करदाताओं की संख्या पहले के 65 लाख से बढ़कर 1.51 करोड़ हो गई है।

सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद सहकारी संघवाद का एक प्रमुख उदाहरण है और कहा कि यह स्वतंत्रता के बाद से गठित एकमात्र संवैधानिक निकाय है।
पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने पहले के कर ढांचे को ‘कर आतंकवाद’ बताया और कहा कि एक राष्ट्र-एक कर के तहत जीएसटी को लागू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

उन्होंने कहा, ‘‘संप्रग सरकार 10 साल तक चली। आप जीएसटी नहीं ला सके। आप राज्यों को जीएसटी के बारे में समझा नहीं सके... मैं कठोर राजनीतिक जवाब दे सकती थी। लेकिन आज नहीं।’’

नई जीएसटी दरें 22 सितंबर से लागू होंगे। जीएसटी परिषद ने कर स्लैब को चार (5, 12, 18 और 28) से घटाकर केवल दो (5 और 18 प्रतिशत) कर दिया है।
 

बता दें कि जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक के दौरान 3 सितंबर को नई दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसमें लिए गए फैसलों का ऐलान किया था और बताया था कि अब सिर्फ दो जीएसटी स्लैब होंगे, जो 5 फीसदी और 18 फीसदी होंगे। यानि कि अब 12 और 28 फीसदी के जीएसटी स्लैब को खत्म कर दिया गया है। ऐसे में इन दो स्लैब में शामिल तमाम सामान भी 5-18 फीसदी के स्लैब में आ जाएंगे और इनकी कीमतों में कमी आएगी।

 

भाषा
विशाखापत्तनम


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