समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आज़म खान मंगलवार को सीतापुर जिला कारागार से करीब दो साल बाद रिहा हो गए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रिहाई की पुष्टि की है।

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सीतापुर जिला कारागार के अधीक्षक सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि सपा नेता आज़म खान की कारागार से रिहाई हो गई।
ख़ान काला चश्मा पहने हुए कार की अगली सीट पर बैठकर जेल से बाहर आए। मीडिया ने आज़म खान का बयान लेने की बहुत कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने वाहन को चारों ओर से घेर लिया, इसलिए आज़म खान की कोई भी बात सुनने को नहीं मिली।
इसके पहले आज़म खान की मंगलवार सुबह होने वाली रिहाई लंबित अदालती कार्यवाही के कारण देर से हुई।
पार्टी समर्थकों के साथ आजम के बड़े बेटे अदीब सुबह से ही सीतापुर जिला कारागार के बाहर उनका स्वागत करने के लिए मौजूद थे। सपा सांसद रुचि वीरा भी पार्टी नेता का स्वागत करने के लिए आई थीं।
अदीब ने पत्रकारों को बताया, “आजम खान आज के नायक हैं। मैं सभी समर्थकों के साथ उनका स्वागत करने आया हूं।”
सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, “मुझे और कुछ नहीं कहना है। जो कुछ भी कहना होगा, मेरे पिता जेल से बाहर आने के बाद कहेंगे।’ कई मामलों का सामना कर रहे आजम खान के लगभग दो साल की कैद के बाद जमानत पर जेल से रिहा हुए।
सोमवार शाम को खान के लिए रिहाई आदेश जारी किया गया, जिसमें उन्हें अपने खिलाफ दर्ज सभी मामलों में ज़मानत मिल गई। इससे 23 महीने से सीतापुर जेल में बंद आजम खान की रिहाई का रास्ता साफ हो गया।
हालांकि आज जेल से उनकी रिहाई सुबह जल्दी होनी थी, लेकिन सूत्रों के अनुसार रामपुर की एक अदालत में कुछ मामलों में जुर्माना न चुकाने के कारण रिहाई में कुछ घंटों की देरी हुई।
बाद में, जब रामपुर कोर्ट में 3000-3000 रुपये के दो जुर्माने जमा किए गए और उनकी डाक सीतापुर जेल भेज दी गई, तब खान को रिहा कर दिया गया।
इससे पहले, आज़म खान ने अपने वकील के माध्यम से शुक्रवार 19 सितंबर को सांसद-विधायक अदालत में उच्च न्यायालय का आदेश दाखिल किया था। इसके साथ ही डूंगरपुर समेत 19 मामलों में ज़मानत भी दाखिल की गई थी।
अदालत ने आज़म की ओर से दाखिल किए गए ज़मानत पत्रों का सत्यापन करने का आदेश दिया था। सोमवार को पुलिस और राजस्व प्रशासन ने ज़मानत पत्रों का सत्यापन अदालत में दाखिल किया। इसके बाद एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने सीतापुर जेल अधीक्षक के लिए आज़म के 19 मामलों में रिहाई के आदेश जारी कर दिए।
जिला प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सीतापुर में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी, लेकिन बड़ी संख्या में समर्थक अपने वाहनों के साथ जेल के पास पहुंचने में कामयाब रहे। इससे यातायात बाधित हो गया। यातायात पुलिस ने प्रतिबंधों का उल्लंघन कर जमा हुए कई वाहनों के चालान काटे।
नगर क्षेत्र के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) विनायक भोसले ने कहा, ‘धारा 163 लागू होने के बावजूद अफरा-तफरी और भीड़भाड़ थी। वाहनों को जेल के पास आने की अनुमति नहीं थी, लेकिन वे किसी तरह पहुंच गए। आगे की जटिलताओं से बचने के लिए कार्रवाई करनी पड़ी।’
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व विधायक अनूप गुप्ता और जिला अध्यक्ष छत्रपति यादव समेत कई नेता और भारी संख्या में कार्यकर्ता खान का स्वागत करने के लिए जेल के बाहर मौजूद दिखे।
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