वायुसेना की ताकत MIG-21 होने जा रहा रिटायर, 26 को अंतिम बार उड़ेगा लड़ाकू विमान
बीते छह दशक से अधिक समय तक भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े की ताकत रहे रूसी निर्मित लड़ाकू विमान मिग-21, वायुसेना से 26 सितंबर को सेवा मुक्त हो जाएंगे।
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तेईसवें स्क्वाड्रन के अंतिम मिग-21 को चंडीगढ़ वायुसेना स्टेशन पर सेवामुक्ति समारोह में विदाई दी जाएगी। इस विमान का उपनाम “पैंथर्स” है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख ए पी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी शुक्रवार को यहां इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
मिग-21 के परिचालन का आधिकारिक समापन 26 सितंबर को चंडीगढ़ में एक औपचारिक फ्लाईपास्ट और ‘डीकमीशनिंग ’समारोह के साथ होगा, जहां इस प्रतिष्ठित लड़ाकू जेट को पहली बार 1963 में वायुसेना में शामिल किया गया था।
साल 1965 और 1971 में पाकिस्तान से हुए युद्ध में इन लड़ाकू विमानों की काफी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
साल 1999 के करगिल युद्ध और 2019 के बालाकोट हवाई हमलों में भी इस विमान ने अहम भूमिका निभाई थी।
एक महीने पहले राजस्थान के बीकानेर में स्थित नाल वायुसेना स्टेशन पर विमान ने अपनी अंतिम परिचालन उड़ान भरी थी।
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