भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार में शिफ्ट होंगे 12वीं सदी के हीरे-जवाहरात और आभूषण
पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के अधिकारियों ने भगवान के कीमती सामान और आभूषणों को 23 सितंबर को अस्थायी कक्ष से मूल रत्न भंडार में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है।
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लोहे के संदूकों और अलमारियों में रखे आभूषण और अन्य कीमती सामान जुलाई 2024 में मंदिर परिसर के अंदर अस्थायी कक्ष में स्थानांतरित कर दिए गए थे, जब रत्न भंडार को चार दशक के बाद मरम्मत के लिए फिर से खोला गया था।
इस वर्ष जुलाई में घोषणा की गई थी कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने 12वीं शताब्दी के मंदिर के ‘रत्न भंडार’ की मरम्मत का काम पूरा कर लिया है।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद कीमती सामान को उनके मूल स्थानों पर वापस रख दिया जाएगा।
पाधी ने कहा, ‘‘23 सितंबर को सुबह 7.17 से 11.17 बजे के बीच शुभ मुहूर्त में भगवान की कीमती वस्तुओं को मूल रत्न भंडार में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर 23 सितंबर को स्थानांतरण पूरा नहीं हुआ तो यह 24 सितंबर को जारी रहेगा।’’ उन्होंने कहा कि सुचारू प्रक्रिया के लिए स्थानांतरण के दौरान एक मजिस्ट्रेट मौजूद रहेंगे।
इस बीच, राज्य के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने भुवनेश्वर में कहा कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की नयी व्यवस्था के वास्ते मंदिर के ‘नट मंडप’ से ‘हुंडी’ (दान पेटी) को स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
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